The 2-Minute Rule for treatment for piles
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योग, प्राणायाम या हल्की शारीरिक गतिविधि अपनाएँ।
इसमें दर्द, जलन और सूजन होती है, लेकिन खून नहीं आता।
कम फाइबर आहार, कब्ज, पुरानी दस्त, गर्भावस्था
गुदा में खुजली और जलन महसूस हो सकती है।
बवासीर वाले लोगों के लिए, फाइबर सप्लीमेंट लेने और उनके आहार तथा जीवनशैली में बदलाव करने की सलाह दी जाती है, भले ही उनके लक्षण कितने भी गंभीर क्यों न हों।
शरीर को डिटॉक्स करने के लिए सप्ताह में एक बार व्रत करें।
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आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से बवासीर को नियंत्रित करने के लिए नियमित दिनचर्या का पालन करें।
यदि पाइल्स का समय पर इलाज नहीं किया जाता है, check here तो वे असहज और दर्दनाक हो सकते हैं। बवासीर के जोखिम और जटिलताओं में शामिल हैं:
नारियल की जटाओं को जलाकर राख या भस्म बना लें। इसे ताजे मट्ठे में मिलाकर सुबह खाली पेट नियमित रूप से पिएं।
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जनरल सर्जन - गुदा रोग विशेषज्ञ (प्रोक्टोलॉजिस्ट)
तला-भुना एवं मिर्च-मसाले युक्त भोजन का सेवन बिल्कुल न करें।
भोजन में घी, दूध और कद्दू का उपयोग करें।